रजत कुमार/ इटावा: सेहत का खजाना माने जाने वाला कंदरू पहले जंगल में पैदा होता था, लेकिन अब इसकी खेती भी होने लगी है. किसान अपने अपने खेतों में इसको पैदा करते हैं और फिर बाजार में बेचा जाता है. विभिन्न गंभीर बीमारियों के लिए कंदरू का सेवन रामबाण माना जाता है.
कभी इटावा के जंगल में कंदरू अच्छी खासी तादात में पैदा हुआ करता था, लेकिन बदलते समय में इसकी बढ़ती मांग के कारण किसानों ने इसे रोजगार का माध्यम बनाते हुए अपने अपने खेतों में पैदा करना शुरू कर दिया है.
इटावा जिले में खुले बाजार में कंदरू 60 किलो बिक रहा है, जिसे लोग चाव से खाते हैं. बेहद ही शानदार इसकी सब्जी तैयार होती है. कंदरू की बिक्री करने वाला दुकानदार साकिब ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि कंदरू की मांग इटावा में काफी है.
डॉ भीमराव अंबेडकर राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में तैनात आहार विशेषज्ञ डॉ. अर्चना सिंह बताती हैं कि अगर कोई व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित है, तो उसके लिए कंदरू की सब्जी का सेवन करना बहुत फायदेमंद है. डायबिटीज के मरीजों को कंदरू की सब्जी को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए.
कंदरू में ग्लाइसेमिक इंडेक्स लेवल कम होने के कारण ब्लड में शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है. मोटापे से कोई अगर परेशान हैं और अपना वजन घटाने की सोच रहा है, तो कंदरू की सब्जी का सेवन शुरू कर दें. कंदरू के सेवन से हर हाल में वजन घटना तय है. कंदरू में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है,
जिससे पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है. कंदरू के सेवन से जल्दी भूख नहीं लगती, जिसके कारण वजन कंट्रोल में रहता है. उनका कहना है कि खून की कमी से एनीमिया के शिकार लोगों को कंदरू का सेवन जरूर करना चाहिए. आयरन की कमी से शरीर में कमजोरी, थकान और सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याएं होने लगती हैं. कंदरू में मौजूद आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल बढ़ाने में सहायक है. कुंदरु शरीर में खून बढ़ाने में मदद करता है. कुंदरु में फाइबर अधिक मात्रा में होता है, जिससे ये भोजन को पचाने में सहायक है. अगर आप अपच या कब्ज से परेशान रहते हैं, तो कुंदरू की सब्जी खाने से आपको फायदा मिलेगा.
कंदरू काफी फेमस सब्जी है, जो सालभर बाजार में मिलती है. घर के किचन गार्डन में भी लोग इसे लगाते हैं. व्यावसायिक रूप से भी इसकी खेती की जाती है. नदी के किनारे वाले इलाकों में यह खूब उपजता है. बलुआ मिट्टी इसके लिए सबसे ज्यादा बेहतर है. जमीन में इसका बीज नहीं बल्कि डंठल लगाया जाता है. जो धीरे-धीरे विस्तृत होकर बड़ी लताओं का रूप ले लेता है .
एक बार लगाने के बाद कई वर्षों तक यह फल देता है. बरसात के सीजन में यही एकमात्र सब्जी है, जिसके ऊपर जल जमाव का ज्यादा असर नहीं पड़ता और खूब ज्यादा उत्पादन होता है. बरसात के दिनों में जब सब्जियों की किल्लत हो जाती है, तो यह ऊंची कीमत पर भी मिलता है. कच्चे में भी इसका टेस्ट मीठा होता है. इसलिए लोग इसे कच्चा भी खाना पसंद करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 20, 2024, 13:24 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.