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'शहंशाह' की शूटिंग के बीच अमिताभ बीमार पड़े, तो इसके डायरेक्टर टीनू आनंद को परेशानी का सामना करना पड़ा. उनके दरवाजे पर लेनदारों ने दस्तक देना शुरू कर दिया और प्रोडक्शन पर खर्च किए गए पैसे की मांग की. टीनू आनंद ने हाल ही में रेडियो नशा के साथ बातचीत में खुलासा किया कि उन्होंने अमिताभ की जगह किसी और को लेने पर भी विचार किया.
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हालांकि, उन्हें पता था कि कोई भी उनकी जगह नहीं ले सकता. टीनू ने कहा, “'शहंशाह' को रद्द कर दिया गया क्योंकि यूनिट, एयर टिकट और हर चीज़ पर हज़ारों-लाखों रुपये पहले ही खर्च हो चुके थे. फिर, लेनदारों ने मेरे दरवाजे पर दस्तक देना शुरू कर दिया और अपना पैसा वापस मांगा. मेरे लिए, वह पैसे चुकाना असंभव था."
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टीनू ने कहा, “और तब हमने अमिताभ की जगह लेने के लिए एक एक्टर की तलाश शुरू की. बेशक, उनके लिए कोई रिप्लेसमेंट नहीं था.” टीनू आनंद ने खुलासा किया कि उन्होंने 'शहंशाह' में अमिताभ बच्चन की भूमिका के लिए जैकी श्रॉफ और जीतेंद्र दोनों के नाम पर विचार किया था.
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अमिताभ बच्चन की जगह लेने की चर्चा के कारण जैकी श्रॉफ ने कुछ फिल्में साइन भी कीं. टीनू आनंद ने कहा,"हमें 'शहंशाह' बनानी थी और इसमें हमें एक साल लग गया. जैकी सबसे पहले सहमत हुए.
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'शहंशाह' में अमिताभ बच्चन की जगह लेने की चर्चा के कारण उन्हें जो ध्यान मिल रहा था, वह उन्हें अच्छा लगा. उन्होंने उस चर्चा के कारण तीन या चार और फ़िल्में साइन कीं. दूसरी ओर, जीतेंद्र ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि मैं अमिताभ की जगह ले सकता हूं."
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टीनू आनंद को एहसास हुआ कि 'शहंशाह' के रूप में अमिताभ बच्चन की जगह कोई नहीं ले सकता, इसलिए फिल्म को बंद कर दिया गया. इससे उन्हें आर्थिक रूप से मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा. उन्होंने खुलासा किया, "मैंने एक साल कंगाली का सामना किया."
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साल 1988 में आई अमिताभ बच्चन की 'शहंशाह' उनकी सबसे यादगार फिल्मों में से एक है, जिसमें उन्होंने डबल किरदार निभाया था. दिन में एक साधारण, भ्रष्ट पुलिस अधिकारी और रात में न्याय की मांग करने वाला एक सजग व्यक्ति. शहंशाह' अपने एंटरटेनिंग स्क्रिप्ट और अमिताभ बच्चन के जीवन से बड़े कैरेक्टर की बदौलत फैंस की पसंदीदा बन गई. फिल्म का डायलॉग 'रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं'