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नई दिल्ली: साल 2006 की फिल्म दर्शकों को इतनी पसंद आई थी कि फिल्म निर्माताओं ने इसकी कहानी को भुनाने के लिए दो अलग-अलग भाषाओं में इसके रीमेक रिलीज कर दिए थे. मगर जब यह बनकर तैयार हुई थी, तब इसे करीब 2 सालों तक कोई खरीदार नहीं मिला था. इस दौरान फिल्म पर एडिटिंग का काम चलता रहा.
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रिलीज से पहले फिल्म कई लोगों को दिखाई गई थी. सबने इसकी तारीफ की, पर कोई साथ देने को तैयार नहीं हुआ. डायरेक्टर दिबाकर बनर्जी को काफी मशक्कत के बाद यूटीवी मोशन पिक्चर्स का साथ मिला. फिल्म 22 सितंबर 2006 को रिलीज हुई. हम मशहूर फिल्म 'खोसला का घोसला' की बात कर रहे हैं.
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'खोसला का घोसला' की कहानी जयदीप साहनी ने लिखी थी, जो दो पीढ़ियों के बीच फर्क को दिखाती है. फिल्म ने 54वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड में बेस्ट फीचर फिल्म का पुरस्कार जीता था.
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फिल्म 'खोसला का घोसला' की कहानी कमल किशोर खोसला (अनुपम खेर) नाम के शख्स की है, जो अपनी पत्नी सुधा खोसला (किरण जुनेजा), अपने बड़े बेटे चेरी (परवीन डबास), अपने छोटे बेटे बंटी (रणवीर शौरी) और टॉमबॉय बेटी निक्की (रूपम बाजवा) के साथ नई दिल्ली में रहता है. कमल ने अपने परिवार के खातिर एक नया घर बनाने के लिए अपनी जमा-पूंजी दक्षिण दिल्ली में जमीन का एक प्लॉट खरीदने में लगा दी है.
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कमल किशोर खोसला की साधारण जिंदगी में तब भूचाल आ जाता है, जब उनकी वह जमीन एक बिल्डर (बोमन ईरानी) धोखे और जालजासी से हड़प लेता है. वे फिर कैसे अपनी जमीन छुड़वाते हैं, यह देखना काफी दिलचस्प है.
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'खोसला का घोसला' को बॉक्स ऑफिस से भी अच्छा रिस्पॉन्स मिला था. इसने 6.67 करोड़ रुपये कमाए थे, जिसका बजट करीब 3.75 करोड़ रुपये था. फिल्म के तमिल और कन्नड भाषा में दो रीमेक भी रिलीज हुए.
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फिल्म में उस वक्त का कोई बड़ा स्टार भी नहीं था, लेकिन इसकी कहानी इतनी मौलिक और शानदार थी कि दर्शकों ने इसे बहुत पसंद किया. आप इसे डिज्नी+हॉटस्टार पर देख सकते हैं.